Gitaviyakaran Pushtakakar Rajsanskaran

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Book Code – 2042

Total Pages – 240

Total Chapters – 18

Total Shalok – 700

Source – Mahabharat

Category
Description

गीताव्याकरणम्:– प्रस्तुत पुस्तक में श्रीवरदराज की पद्धतिका अनुसरण करते हुए श्रीमद्भगवदगीताके प्रयोगों से पाणिनीय शैली के आधार पर संस्कृत व्याकरण समझने तथा समझानेका प्रयास किया गया है। इसमें वरदराजकृत लघुसिद्धन्तकौमुदीके क्रमानुसार शब्द, प्रयोग तथा उदाहरण श्रीमदभगवद्गगीता से उद्भुत किये गये हैं, उद्देश्य यह है कि पाणिनीय पद्धति के अनुसार श्रोमद्भगवद्गगीता को व्याकरण की दृष्टि से देखा जाय, जिससे शब्दार्थ-ज्ञानमें सरलता और सत्यता आ सके।

 

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