श्री कृष्ण जन्म

द्वारिका में एक ब्राह्मण रहता था, उसके स्त्री के पुत्र हुआ और वह होते ही मर गया। ब्राह्मण मृत पुत्र की लाश को लेकर राज्यद्वार पर आया और उसे वहां रख कर रोते हुए बोलने लगा -‘ब्राह्मणद्रोही, शठबुद्धि, लोभी, विषयी, क्षत्रियाधम राजा के कर्मदोष से ही मेरा बालक मर गया है। क्योंकि-हिंसाविहारं नृपतिं दु:शीलमजितेन्द्रियम।प्रजा भजन्त्य: […]
महर्षि मरीचि

महर्षि मरीचि ब्रह्मा के अन्यतम मानस पुत्र और एक प्रधान प्रजापति है। इन्हें द्वितीय ब्रह्मा ही कहा गया है। ये हमेशा ब्रह्मा की ही तरह सृष्टि कार्य मैं लगे रहते है। कभी-कभी इन्द्रसभा मे उपस्तिथ होकर दण्डनीति का मंत्रित्व भी करते है। इनकी कई पत्नियों का वर्णन भी पुराणों में आता है। इसमें एक तो […]
सप्तर्षि – आकाश में विद्यमान सात तारों परिचय

अलग-अलग मन्वन्तरों में धर्म और मर्यादा की सुरक्षा के लिये जो सात ऋषि प्रकट हुआ करते हैं, उन्हें ही सप्तर्षि कहते हैं। उन्हीं की तपस्या, शक्ति और ज्ञान के प्रभाव से संसार सुख और शांति से रहता है। हरिवंश, विष्णु पुराण, पद्म पुराण, मत्स्य पुराण आदि के मत से स्वायम्भुव मन्वन्तर में और कइयों के […]