Gita Darpan Puruwarth Uttradarh Parisisth (Bangla) Granthakar

70.00

Out of stock

Notify Me when back in stock

Book Code – 556

Total Pages – 352

Total Chapters – 18

Total Shalok – 700

Source – Mahabharat ( Only Bangla )

गीता-दर्पण-गीतोक्त जीवन-कलाके संवाहक ब्रहालीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजीदवारा सरल-से-सरल शैलीमें प्रणीत इस ग्रन्थरत्नके स्वाध्यायसे अनेक भावक भक्त गीतारूपी दर्पणके द्वारा आत्मपरिष्कार कर चुके हैं। इसमें गीताको सुबोध रूपमें प्रश्नो्तर शैलीमें प्रस्तुत किया गया है तथा गीता को विभिन्न दृष्टियों से विचार की कसौटी पर कसते हुए प्रधान-प्रधान विषयों को विशद व्याख्या से समलंकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त इसमें गीता-व्याकरण एवं छंद-सम्बन्धी ज्ञान से भी परिचित कराया गया है।

Category
Description
Related Products
Shopping cart1
Jit Dekhu Tit Tu Pustakakar
-
+
Subtotal
15.00
Total
15.00
Search Products
×