Goseva – Ank (Parishishtank Sahit) Granthakar

160.00

20 in stock

Book Code – 653

Total Pages – 495

Year – 1995

Visheshank No – 69

Source – Kalyan

Category
Description

गो-सेवा-अंक ( बुक कोड – 653 ):- शास्त्रों मैं गौको सर्वदेवमयी और सर्वतीर्थमयी कहा गया है। गोके दर्शन से समस्त देवताओं के दर्शन तथा समस्त तार्थो की यात्रा का पुण्य प्राप्त होता है। इस विशेषांक मैं गोसे संबन्धित अनेक आधियात्मिक और तात्विक निबन्धों के साथ, गोका विश्वरूप, गोसेवा का स्वरूप, गोपालन एवं गो – संवर्धन की मुख्य विधाएँ तथा गोदान आदि उपयोगी विषयोका संग्रह हुआ है।

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