Ramcharitmanas Sachitra Satik Brihadakar

750.00

20 in stock

Book Code – 80

Total Pages – 1000

Total Chapters – 7 Kand

Total Shalok -NA

Source – Ramayan

Category
Description

श्रीरामचरितमानस:– गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराजके द्वारा प्रणीत श्रीरामचरितमानस हिन्दी साहित्यकी सव्रोत्कृष्ट रचना हैं। आदर्श राजधर्म, आदर्श गृहस्थ-जीवन, आदर्श पारिवारिक जीवन आदि मानव-धर्मके सव्रोत्कृष्ट आदर्शोंका यह अनुपम आगार है। सव्रोच्च भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य तथा भगवान् की आदर्श मानव-लीला तथा गुण, प्रभावको व्यक्त करनेवाला ऐसा ग्रन्थरत्न संसारकी किसी भाषामें मिलना असम्भव हैं।आशीर्वादात्मक ग्रन्थ होनेके कारण सभी लोग इसका मन्त्रवत‌् आदर करते हैं। इसका श्रद्धापूव‌र्क पाठ करनेसे एवं इसके उपदेशोंके अनुरूप आचरण करनेसे मानवमात्रके कल्याणके साथ भगवत्प्रेमकी सहज ही प्राप्ति सम्भव है। इस दिव्य ग्रन्थरत्नकी अधिकाधिक प्रचार-प्रसारकी दृष्टिसे ही गीताप्रेससे इसके बृहदाकार, ग्रन्थाकार, मझला आकार, गुटका आकार और अलग-अलग काण्डके रूपमें विभिन्न भाषाओं में सटीक एवं मूल अनेक संस्करण प्रकाशित किये गये हैं। श्रीरामचरितमानसका सटीक संस्करण अबतक प्रकाशित सैकड़ों टीकाओंमें पाठ-भेदोंको दृष्टि मेंरखकर सर्वाधिक प्रमाणित टीकाके रूपमें निकाला गया। यह ग्रन्थ (अवधि एवं हिन्दी) भाषा में सर्वाधिक शुद्ध तथा क्षेपकरहित है। श्रीरामचरितमानसके सभी संस्करणोंमें पाठ-विधिके साथ नवाह्र और मासपारायणके विश्रामस्थान, गोस्वामीजीकी संक्षिप्त जीवनी, श्रीरामशलाका प्रश्नावली तथा अन्तमें रामायणजीकी आरती दी गयी है। गीताप्रेस से प्रकाशित श्रीरामचरितमानसके विभिन्न संस्करणोंकी प्रत्येक घरमें उपस्थिति ही इसकी लोकप्रियता तथा प्रामाणिकताका सुन्दर परिचय है।

Related Products
Shopping cart0
There are no products in the cart!
Search Products
×