Srimad Bhagavadgita Tattva Vivechani Sachitra Satik Granthakar

200.00

Out of stock

Book Code – 2

Total Pages – 799

Total Chapters – 18

Total Shalok – 700

Source – Mahabharat

Category
Description

गीता-तत्व-विवेचनी ( बुक कोड – 2 ) :- भगवान् श्रीकृष्णकी दिव्यवाणीसे निःसुत सर्वशास्त्रमयी गीताकी विश्वमान्य महत्ताको दृष्टि में रखकर इस अमर संदेशको जन-जनतक पहुंचाने के उद्देश्य से गीताप्रेसके आदि संस्थापक परम श्रद्धेय ब्रहृलीन श्राजयदयालजी गोयन्दकाद्वारा प्रणीत गीताकी एक दिव्य टीका। इसमें १५१५ प्रश्न और उनके उत्तर के रूपमें प्रश्नोत्तर शैलीमें गीताके शलोको की विस्तृत व्याख्याके साथ अनेक गूढ़ रहस्योंका सरल, सुबोध भाषामें सुन्दर प्रतिपादन किया गया है। इसके स्वाध्यायसे सामान्य-से-सामान्य व्यक्कि भी गीताके रहस्योंको आसानीसे हदयंगम कर अपने जीवन को धन्य कर सकता है।

Related Products
Shopping cart1
Mehetavpurn Kalyankari Baatain Pustakakar
-
+
Subtotal
10.00
Total
10.00
Search Products
×