श्री कृष्ण जन्म

द्वारिका में एक ब्राह्मण रहता था, उसके स्त्री के पुत्र हुआ और वह होते ही मर गया। ब्राह्मण मृत पुत्र की लाश को लेकर राज्यद्वार पर आया और उसे वहां रख कर रोते हुए बोलने लगा -‘ब्राह्मणद्रोही, शठबुद्धि, लोभी, विषयी, क्षत्रियाधम राजा के कर्मदोष से ही मेरा बालक मर गया है। क्योंकि-हिंसाविहारं नृपतिं दु:शीलमजितेन्द्रियम।प्रजा भजन्त्य: […]

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